Std 9 Hindi ch :- 4 swadhyay solution

 Std 9 Hindi ch :- 4 swadhyay solution :




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Q - 1. निम्नलिखित शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए:


(1) अत्यभ्य

उत्तर :- सांसारिक भोग-विलास अत्यभ्य सुख देते है |


(2) चाकचिक्य

उत्तर :- देहाती मित्र मुंबई की चाकचिक्य पर मुग्ध हो गया |


(3) कनकाभ

उत्तर :- राजमहल के कनकाभ शिखर हमारा ध्यान आकृष्ट कर रहे थे |


(4) तप:क्षीण

उत्तर :- शाप के प्रभाव से मुनि तुरंत तप:क्षीण हो गए |


(5) क्लेश

उत्तर :- पुत्रके अनुचित व्यवहार से पिता को बड़ा क्लेश हुआ |


(6) झंझावात

उत्तर :- बर्फीले झंझावातोमें भी सैनिक देश की रक्षा करने में डटे हुए है|


(7) फणिबंध

उत्तर :- पता नहीं, संकट के इस फणिबंध से हमें कौन छुडाएगा ?


Q - 2. एक-दो वाक्योंमें उत्तर लिखिए:


(1) वैभव से क्या प्राप्त होता है?

उत्तर :- वैभव से हमें चिंताए और थोड़ी हंसी-खुशी प्राप्त होती है |


(2) धन-संपत्ति किसलिए है?

उत्तर :- धन संपत्ति परोपकार के लिए है |


(3) सुख-समृद्धि के अधीन मानव का क्या होता है?

उत्तर :- सुख-समृद्धि के अधीन मानव का तेज प्रभाव दिन प्रतिदिन क्षीण होता जाता है |


(4) फणिबंध से कौन छुड़ाते हैं?

उत्तर :- फणिबंध से गरुड़ जैसे साहसी और वीर पुरुष की छुड़ाते हैं |


Q - 3. निम्नलिखित पंक्तियों का भावार्थ लिखिए :


(1) वैभव विलास की चाह नहीं, 

अपनी कोई परवाह नहीं,

बस यही चाहता हूं केवल, 

दान की देव सरिता निर्मल,

करतल से झरती रहे सदा,

निर्धन को भर्ती रहे सदा |

उत्तर :- कर्ण श्री कृष्ण से कहता है, केशव! आप मुझे राज्य देने का लालच दे रहे हैं, परंतु मैं वैभव विलास का जीवन पसंद नहीं करता| मुझे कोई चिंता नहीं है| मुझे दान देने में रुचि है| इसलिए मैं चाहता हूं कि मैं गरीबों को हमेशा दान देता रहूं और उनके दुख दूर करूँ |


(2) मै गरुड़, कृष्ण! में पक्षीराज, 

सिर पर न चाहिए मुझे ताज,

दुर्योधन पर है विपद घोर, 

सकता न किसी विष किसी छोड़,

रणखेत चाटना है मुझको,

अही पास काटना है मुझको |

उत्तर :- कर्ण श्री कृष्ण से कहता है कि इस समय मेरी स्थिति गरुड़ पक्षी के समान है| मुझे राजमुकुट नहीं पहनना है| इस समय दुर्योधन भारी संकट में है| युद्ध रूपी नागपाश ने उसे जकड़ रखा है| मुझे दुर्योधन के इस नागपाश को काटना है| दुर्योधन को युद्ध में विजय दिलाना है| मुझे गरुड़ की तरह अपना दायित्व निभाना है|


Q - 4. टिप्पणी लिखिए :


(1) कर्ण की अभिलाषा

उत्तर :- कर्ण दानी पुरुष है| वह प्रतिदिन जरुरतमंद लोगों को दान देता है| उसे राज्य पाने की इच्छा नहीं|वैभव पाकर भोग-विलास बिना उसके स्वभाव के विरुद्ध वह दयालु और उदार वृति का है| गरीबो के प्रति उसके मन में करुणा है| उसकी यही अभिलाषा है की वह अपनी दानवृति से निर्धनों का दू:ख दूर करता रहे |


(2) कर्ण का मित्र-धर्म

उत्तर :- कर्ण का जीवन अन्याय और अपमान से भरा हुआ था| दुर्योधन ने सम्मान दिया और मित्र बनाया| कर्ण उसका उपकार कभी भूल नहीं पाया| युध्द से पहले श्रीकृष्ण उसे अपने पक्षमें लेने गए| उन्होंने उसे राज्य देने का प्रलोभन भी दिया| परन्तु कर्ण ने उनका अस्वीकार कर दिया| उसने दुर्योधन का साथ छोडने का स्पष्ट इनकार कर दिया| इस प्रकार कर्ण ने दुर्योधन की प्रति अपने मित्र-धर्म का पालन किया |


Q - 5. विरुध्धार्थी शब्द लिखिए:


(1) निर्मल

उत्तर :- मलिन


(2) निर्धन

उत्तर :- धनवान


(3) प्रभूत

उत्तर :- कम


(4) कोमल

उत्तर :- कठोर


(5) अमृत

उत्तर :- विष


Q - 6. निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द कोष्ठक से ढूंढकर उन शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए: (सुखोपभोग, हथेली, प्रचुर, दरब, आँधी, पानी, गरल, चट्टान)


(1) सुखोपभोग

उत्तर :- विलास, वाक्य: राजा सदा विलास में डूबा रहता था |


(2) हथेली

उत्तर :- करतल, वाक्य: बच्चे का करतल देखकर ज्योतिषी ने उसका भविष्य बता दिया |


(3) प्रचुर

उत्तर :- प्रभूत, वाक्य: वह गांव में रहता था, पर उसके पास प्रबुद्ध संपत्ति थी |


(4) दरब

उत्तर :- दरार, वाक्य: गरुड़ पहाड़ों की दरार में निवास करता है |


(5) आँधी

उत्तर :- अंधड़, वाक्य: सारी रात अंघड ने कहर मचा दिया |


(6) पानी

उत्तर :- वारि, वाक्य: सदा स्वच्छ वारी पीना चाहिए |


(7) गरल

उत्तर :- विष, वाक्य: देखते ही देखते सांप का विष बच्चे के शरीर में फैल गया |


(8) चट्टान

उत्तर :- शैल, वाक्य: शैल उस पार झरना था |


Q - 7. अंदाज अपना-अपना | अपना मत स्पस्ट कीजिए :


(1) यदि कोई जरुरतमंद इन्सान आपसे मदद माँगे तो आप क्या करेंगे?

उत्तर :- सबसे पहले में उसकी जरूरते पूछूँगा| यदि मुझे जरुरत सच्ची लगी तो में मदद करूँगा| मदद करने में यदि लोगों की आवश्यकता हुई तो उनका सहयोग लेने में मै संकोच नहीं करूँगा |


(2) आपको पता चला की आपका दोस्त संकट में फँसा सुआ है, तो आप क्या करेंगे?

उत्तर :- मित्र की मदद करना मेरा कर्त्तव्य है| इस कर्त्तव्य पालन करके ही मै मित्र-धर्म की निभा सकता हूँ| इसलिए संकट में पड़े हुए मित्र को संकट से छुडाने में मै कोई कसर न रखूँगा |


(3) आपके पास जरुरत से ज्यादा धन-संपति है, तो आप क्या करेंगे?

उत्तर :- मै उसका उपयोग परोपकार में करूँगा| में वहाँ के अनाथआश्रम में चीजे खरीदकर ला दूँगा| गरीबो को अन्नदान दूँगा| इस प्रकार अपने पास जरुरत से ज्यादा धन-संपति होने पर मै उसका उपयोग दूसरो के दू:ख दूर करने में करूँगा |


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